ताकतवर बहुत है यह गणतंत्र I
बदल देता है यह राज्य तंत्र I
कमजोर नहीं शक्तिशाली है यह ,
है सत्ता परिवर्तन का सहज यह मंत्र।

29 राज्यों और 130 करोड़ से ज़्यादा की आबादी, और आधिकारिक रूप से 22 भाषाओं और नैतिकता और आत्मविश्वास को संभालता हुआ संविधान पूरे 72 वर्ष का हो चुका है। किसी के लिए ये वृद्धावस्था की दहलीज़ पर पहुंच चुका है और कई लोग इसमें परिवर्तन की मांग करते हैं। कुल मिलाकर ये कहा जा सकता है कि भारत की नींव को लोकतंत्र से सींच कर संविधान ने ही भारत को जकड़ा हुआ है।

भारत में युवा लोगों के बीच संविधान के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए, सिविक स्टूडियोज़, मुंबई में स्थागित एक मीडिया स्टार्टअप आपके लिए लेकर आया है एक कॉमेडी वीडियो साथ रहोगी तो सेक्युलर रहोगी। वीडियो में समय, संविधान और इंडिया तीनों इंसानी रूप में हैं और समाज को समझाने को कोशिश कर रहे हैं कि संविधान हमारे देश के लिए कितना ज़रूरी है।

संविधान इतना ज़रूरी क्यों है?
पूरे विश्व में किसी भी देश को सही तरीके से चलाने के लिए संविधान की जरूरत पड़ती है। संविधान हमेशा लोगों को नियमों के दायरे में रहते हुए कार्य करने की आजादी देता है।संविधान उन आदर्शों को एक साथ करता है, जिसे हम अपने देश को अपनी इच्छा और सपनों के अनुसार गठित कर सकें। नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा संविधान ही करता है। भारतीय संविधान यह भी सुनिश्चित करता है कि कोई भी एक ताकतवर समूह किसी दूसरे समूह पर या कमज़ोर समुदाय पर अपनी ताकत का उपयोग न कर सके।।

क्या कहता है वैश्विक लोकतांत्रिक जनतंत्र
ग्लोबल डेमोक्रेसी इंडेक्स में संपूर्ण विश्व में भारत संपूर्ण लोकतांत्रिक देश के पायदान से थोड़ा नीचे प्रतीत होता है। भारत का अनुपात 06-00 से 06-99 तक सीमित हो जाता है। वहीं विश्व में उत्तर अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया लोकतांत्रिक देश के अनुपात में शीर्ष पर चल रहे हैं। इसमें सबसे महत्वपूर्ण तथ्य यही है कि लोगों को अपने अधिकारों के बारे में पता ही नहीं है और कई प्रकार की अनहोनी का शिकार हो जाते हैं। समाज और सरकार दोनों को संविधान के नियमों का पालन करना होगा। तभी भारत में एकरूपता देखने को मिलेगी। इसमें सबसे ज़्यादा युवा वर्ग प्रभावित होता है। इसलिए युवाओं को अब जाग जाना चाहिए

स्त्रोत : चित्र और आंकड़ों का स्त्रोत

युवा वर्ग और संविधान।
वास्तव में केवल 63% युवाओं को पता है कि संविधान एक नियमों की किताब है। इसके अलावा 17% युवाओं को पता नहीं आख़िर संविधान में लिखा क्या है। यह एक गंभीर मुद्दा है। देश के युवाओं को अपने हक़ के बारे में पता ही नहीं है। संविधान केवल एक लिखी हुए किताब मात्र नहीं है बल्कि देश के हर नागरिक के लिए एक नियमावली और देश को सुचारू रूप से चलाने वाली नीति है। जिसको अपना कर आप एक सफल और सहज जीवन गुज़ार सकते हैं।

अपने कानून और कर्तव्यों को पहचाने और संविधान को प्राथमिकता दें। यदि आप ऐसा करते हैं तो ये आपके लिए और आपके देश के लिए एक बेहतर कल की शुरुआत करने के लिए मील का पत्थर साबित हो सकता है। संविधान हर जगह है आपके घर की रसोई से लेकर आपके ऑफिस के कमरे तक। इसको अपनाने में संकोच न करें।

“लोकतंत्र केवल सरकार का एक रूप नहीं है। यह मुख्य रूप से संबद्ध जीवन का एक तरीका है, संयुग्मित संचार अनुभव का। यह अनिवार्य रूप से साथी पुरुषों के प्रति सम्मान और श्रद्धा का दृष्टिकोण है”

– भीमराव अंबेडकर

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पूरी वीडियो यहां देखें।

लेखक : इमरान खान